Depression Se Bahar Kaise Nikale | डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले?

मेरे पास किसी का एक प्रश्न आया है जो कि इस प्रकार से है-

प्रश्न यह है – सिर्फ परेशान घूमता रहता हूं,  कुछ भी पकड़ता हूं पूरा नहीं कर पता, खुद पर से विश्वास सा उठ गया है, कुछ भी अच्छा नहीं लगता, अंदर से हार सा गया हूँ। डिप्रेशन है तो इस Depression Se Bahar Kaise Nikale क्या कुछ हो सकता है, आप कोई रास्ता दिखाओ या कुछ ऐसा बताओ कि आगे आने वाले समय में मेरा जीवन बदल जाए ?

 

इस प्रकार का प्रश्न आप में बहुतो/ कई इंसानो का हो सकता है।

जिंदगी में कभी न कभी ऐसी सिचुएशन, ऐसे हालत बन जाते है जब कुछ भी नहीं सूझता कि क्या करें, कैसे करें ?  कुछ भी अच्छा नहीं लगता कुछ भी समझ नहीं आता, जिंदगी में एक खालीपन सा आ जाता है। जीवन बहुत उदास, रुखा रुखा सा लगने लगता है।  ऐसा अक्सर हर इंसा न के साथ कभी न कभी हो जाता है। मेरे साथ भी ऐसा हो चुका  है। यह जीवन की एक स्वाभाविक प्रकिया है।

अब प्रश्न यह नहीं है कि ऐसा मेरे साथ ही क्यों होता है या क्यों हुआ है ? तो जैसा कि मैंने पहले बताया है कि यह जीवन की एक स्वाभाविक प्रकिया है, इसलिए इसमें घबराना बिलकुल भी नहीं हैं, बल्कि इससे उबरने की, इस सिचुएशन से बाहर निकलने कोशिस करनी है। हाँ इस बात से मैं सहमत हूँ कि ऐसे हालात में संभल पाना आसान नहीं होता। यहाँ एक बात आप मान लीजिये कि मुश्किल जरूर होता है लेकिन नामुमकिन बिलकुल भी नहीं है। यह मै अपने जीवन के अनुभव से आपको बता रहा हूँ कि Depression Se Bahar Kaise Nikale –

तो जैसा कि मैंने आपको बताया है कि मेरे साथ भी ऐसा हो चुका  है, तो मेरे अपने जीवन के अनुभव से आपको इस प्रकार के हालात से बहार निकलने की कोशिश करूँगा।

depression se bahar kaise nikale

 

देखिये, सबसे पहले मुझे ये बताईये कि क्या आप   5 -6  महीने का मतलब जानते हो ?

आप सोचेंगे कि ये कैसा प्रश्न है लेकिन यही आपकी समस्या के समाधान का आधार है।

चलिए छोड़िये, क्या आप एक महीने का मतलब जानते हो ?

धयान से, शांत होकर सोचिये, 1 महीने में ही 43000 मिनट आपके पास है, अपना जीवन बदलने के लिए। जो कि बहुत है।

कुदरत ने हमारे जीवन में कोई कमी नहीं छोड़ी है। कमी सिर्फ हमारी सोच में है।  तो सबसे पहले अपनी सोच बदलो।

एक-एक मिनट की कीमत को समझो कि वह कीमती है। उसका सदुपयोग करना है, जीवन को बदलना है और आप अपने आप से बोलो, प्रण लो कि मैं बदल सकता हूं।

जिसे खुद पर भरोसा नहीं किया वह कुछ नहीं कर सकता, उसको सब कुछ भी दे दो तो भी कुछ नहीं कर सकता और जिनको खुद पर भरोसा है वह मिट्टी को भी सोने में बदल देगा।

अपनी मेहनत से, निष्ठा से, समय देखकर 5 -6 महीने दो। वैसे 5 -6 महीने तो बहुत लंबा वक्त है बल्कि इससे पहले ही बहुत कुछ बदल जायेगा पर आपको मेरी बात निष्ठा से माननी पड़ेगी।

उसको मुश्किल की तरह नहीं देखना। इन 5 -6 महीनो के समय को कम देखना है, कमिटमेंट की तरह देखना है, तभी आप इस समस्या से निजात प् सकोगे।

सबसे पहले तो आज से ही दिन के समय आप बिस्तर का मुंह नहीं देखोगे। कितने ही दुखी हो, डिप्रेस्ड हो, परेशान हो या  नाकामयाब हो, बस यह समझ लो कि दिन के समय बिस्तर दुश्मन है।

सुबह-सुबह उठना है। उठते ही नहाना है, तैयार होना है, अच्छे कपड़े पहनने हैं, बाल बनाने हैं। आसपास सफाई रखनी है।

जब तक खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से काम करने को तैयार नहीं करोगे तब तक मन ही नहीं जागेगा।

अब अगले कुछ समय आप एक सिपाही की तरह, एक आर्मी मैन की तरह रहना है।  बिल्कुल साफ सफाई से नाखून कटे हो, बाल कटे हो, अच्छे से ड्रेस पहनकर, डिसिप्लिनड होकर तैयार होकर रहें।

हमारी प्रोग्रेस में आगे बढ़ाने में सबसे बड़ी बाधा होते हैं – नकारात्मक सोच वाले लोग। ऐसे लोगों से कनेक्शन न रखें।

दूसरा, यह सोचना बंद कर दें की लोग क्या कहेंगे।

इस तरस के नेगेटिव सोच से दूर रहे  जैसे कि क्या वह मुझे अपनाएगा ?

इसके अलावा अपने को दूसरे से कम्पेयर/तुलना करनी बंद करनी होगी।

उससे मेरा झगड़ा है।

उसने मुझे नहीं पूछा।

वह वहां जा रहा है और मैं यहां हूं।

उसको वह मिल गया।

 

लोगों से खुद को पूर्ण रूप से कट कर लेना है। लोगों के सामने से गायब हो जाना है। 

सिर्फ अंतरमन में लीन होकर अपने अंदर लीन होकर फिलहाल आपको जीना है।

पहले ही मन में ऐसी धारणा नहीं लानी कि कोई मुझे नहीं पूछेगा।

किसी के पास कुछ भी हो वह मुझे भी नहीं चाहिए, बिल्कुल भी नहीं चाहिए।

वह मेरे लिए कूड़े के समान है।

यह जो मजे मिलते हैं लोगों से दोस्ती करने के, सोशल लाइफ का, इस मजे को फिलहाल आपको त्यागना ही पड़ेगा।

आपको अपने आप से बोलना होगा कि मुझे अभी नहीं चाहिए, बाद में मिल जाएगा।

 

अब इस समय, कई काम ऐसे होंगे जो जीवन में बहुत जरूरी है। प्रायोरिटी है जैसे कि , कैरियर है, पढ़ाई है, एग्जाम है।

इस तरह के बहुत जरुरी कार्यो को आगे लेकर आये। खासकर उनको जो आपको  इंपॉसिबल लगते है, जो कि आपको लगे कि मैं यह नहीं कर सकता।

या जैसे कि यह काम तो बहुत बड़ा है और मैं बहुत छोटा हूं। मेरे बस की नहीं है। समय कम  है।  यह काम है, वह काम है। या मेरे पास रिसोर्सेस नहीं है।

इस प्रकार के कार्यो को आगे लेकर आओ, सामने रखो और सिर्फ एक कमिटमेंट करना है कि अगले 5 -6 महीने मुझे इस पर झोंक देने हैं।

बस कुछ मिले या ना मिले।

हो ना हो बस अपना 5 -6 महीने का समय पूरी तरह से झोक देना है। कोई बहाना नहीं चलेगा।

मजबूरियों के अंत में जो छोटी सी रोशनी की किरण दिखाई दे रही है ना, उसको पकड़ कर उस रोशनी में अपने आपको काम में लगा दो। उसको पकड़ कर जितनी शुरुआत हो सकती है, बस वह करनी है।

फिर पूरी एनर्जी के साथ बिना कुछ सोचें समझे आपको सिर्फ आगे बढ़ना है और बस काम करना  है।

 

एक्ज़ाम्पल/ उदाहरण के लिए, कई लोगों को बिजनेस करने का शौक होता है। लेकिन

सोचते हमेशा नेगेटिव ही है कि पैसा नहीं है। ये कैसे होगा। वो  करूँगा अदि।

 

अरे भाई लोग तो ₹10,000/- में शुरू कर देते हैं।

लो कर दिया, हो गया बिज़नेस चालू। धीरे-धीरे बढ़ गया।

पहले लगता था नामुमकिन है, कुछ लाख रूपये तो लगेंगे ही ।

लेकिन जब ऑप्शन नहीं था। करना ही वही था तो बस कर दिया शुरू।

 

पढ़ने वाले बच्चे बिना कोचिंग के छोटे गांव में रहकर भी सारे एग्जाम क्लियर कर लेते है। उनमे निष्ठा होती है। वे कोई भगवान नहीं है बल्कि आप ही की तरह आम इंसान ही है।

आम इंसानों में सब गुण दिए है भगवान ने, जिससे कि आप बड़े से बड़ा काम कर सको।

लेकिन दूसरी तरफ वहीँ आप कर नहीं पाए। क्योंकि खुद पर विश्वास नहीं और काम स्टार्ट ही नहीं करते,  डर-डर के जीते हो, सोते रहते हो।

किसी भी फील्ड में किसी भी चीज के लिए लोग दो तीन पांच बार कोशिश करते हैं और फिर थक के हार जाते हैं। पीछे मुड़ जाते हैं।

आपका यह नंबर 10 20 30 50 बार कोशिश करने तक पहुंचना चाहिए।

 

यदि आपका लक्ष्य जॉब के लिए इंटरव्यू देने का हैं।  मान लो कोई सब्जेक्ट समझ में नहीं आ रहा। बहुत कॉम्प्लिकेटेड है। कोई बात नहीं, उसको दो बार – पांच बार – दस बार 20 बार पढ़ो। सीखो।  मैं आपको लिख कर देता हूं कि सफलता अवशय मिलेगी और नहीं भी मिली ना तो आप इतने काबिल बन जाओगे कि सफलता खुद आगे चलकर तुम्हारे पास आ जाएगी।

 

बस आप, हर दिन का रूटीन तैयार करो। 

बिल्कुल फिक्स रूटिंग।

एक फिक्स टाइम टेबल होना चाहिए।

टाइम टेबल को दीवार पर चिपका लो।

 

लेकिन सबसे जरुरी है कि उसको फॉलो करना ही करना है चाहे कुछ भी हो।

आपको ना कामयाब या हारे हुए लोगो के ताने भी सुनने को मिलेंगे, लेकिन आपको बस अपने काम पर फोकस  करना है।

कुछ भी परेशानी हो, दुख हो लेकिन आपको उसको फॉलो करना है।

मिनिमम 8 घंटे वह काम करना ही करना है जो कि आपका भविष्य तय करेगा।

आपको बस करना ही करना है। मन नहीं भी कर रहा ना तो भी टेबल पर उसको लेकर बैठ जाओ या फिर खाली बैठे रहो दीवार को देखते रहो, चॉइस आपकी है। अगर आपको जीवन में कुछ नया सीखने की, आगे बढ़ने की चाहत मजबूत होगी तो आप बिना समय गवाए अपने काम पर धयान लगाओगे और जीवन में आगे सफलता अवश्य पाओगे, ये मेरा आपसे वादा है।

बस अपना काम करो और कोई विकल्प नहीं है।

आप सुबह एक- आधा घंटा बाग में बिताना होगा, पार्क में जाना होगा, व्यायाम करना होगा, चलना होगा, योग करना होगा, ध्यान करना होगा, प्राणायाम करना होगा। जो भी अच्छा लगे, उसे अवश्य करो, प्राणायाम ज़रूर करो, थोड़ी देर तक ध्यान लगाओ।

ध्यान का अर्थ है माइंडफुल रहो, वर्तमान में मौजूद रहो, प्रकृति को निहारो, मां को शून्यता पर लाने के लिए, ओवर थिंकिंग खत्म करने के लिए, जब भी मन में उलटे ख्याल आए, चाहे वासना के हों, डर के हों, फेलियर के हों, भगवान को 10 से 20 बार याद करो, किसी मंत्र का जाप करो, भगवन के नाम को याद करो, और सब कुछ उन पर सौंप दो, बस अपना काम करते रहो।

रोज मंदिर जाना, पार्क में जाना, मेडिटेशन करना, प्राणायाम करना, खुद को मोटिवेट करना, बार-बार खुद से पॉजिटिव बातें कहना, तू कर लेगा, तू कर, तू चिंता मत कर, मैं साथ खड़ा हूं, तेरे इस तरीके की बातें कहना, बुरे ख्याल आते ही कर्म का सोचना, मुझे क्या करना है, मुझे वह करना है, बस, और बिजी होना, अपने जीवन के लिए बन जाओ।

अपने आप, ओवर थिंकिंग खत्म हो जाए, और जैसा मैंने बताया, 8 से 10 किताबें ला के रख लो, कोई नया कोर्स ज्वाइन कर लो, बहुत सारे कोर्सेज मार्केट में उपलब्ध हैं, अच्छे वाले इंप्रूव, जो आगे बहुत कम है, वह ज्वाइन कर लो।

उनको समय दो, कुछ भी बड़ा करो – निष्ठा के साथ, ज्ञान, जितना ले लो, उतना कम है, हर दिन ज्ञान वृद्धि आपकी जरूरी है, किसी भी विषय में, चाहे फिलासफी हो, हिस्ट्री हो, प्रैक्टिकल स्किल हो, कंप्यूटिंग हो, आपकी फील्ड हो, कुछ भी हो, ज्ञान वृद्धि करने ही करनी है।

और आखिर में, मैं बोलूंगा, की मैटेरियल्स, वस्तुएं, सब कबाड़ है, आप के लिए आज ये भविष्य का कबाड़ है , तो आज फिलहाल इनको सिर्फ कबाड़ की तरह ही आपको देखना है। लेटेस्ट एसेसरी, लेटेस्ट फोन, आपके दोस्त के पास महंगी चीज हो, महंगी गाड़ी हो, घड़ी हो, कुछ भी हो, फिलहाल आपके लिए ये कबाड़ है।

उस दिन काम के होंगे, जिस दिन अपने पैसों से, मेहनत की कमाई से बिना ईएमआई के आप इनको खरीद पाओगे, तब तक के लिए ये आप के लिए कबाड़ के बराबर होनी चाहिए। आज आपने कोई कंपेयरिजन नहीं करना कि उसके पास यह है, मेरे पास यह नहीं है, उसके पास वह नया है, मेरे पास पुराना है।
कुछ नहीं करना, आपने इसकी तरफ ध्यान देकर या इसके बारे में सोचकर अपना वर्तमान हरब नहीं करना। क्योंकि आपके लिए यही डिप्रेशन का मुख्य कारण हो सकता है।

आपने जो है, वह भी बहुत बड़ी सहूलियत है, उसका सम्मान करना है, उसी को रखना है, फिलहाल, आपको कोई खरीदारी नहीं करनी, किसी खरीदारी करने के बारे में नहीं सोचना, किसी भी भौतिकवादी वस्तु के बारे में नहीं सोचना है।

मेरे कहने से 5-6 महीने बहुत मुश्किल है, आसान नहीं है, बहुत आसान काम है, बहुत मुश्किल काम है, मेरे कहने से 5 – 6 महीने एक काम कर लो, मैं लिख कर दे रहा हूं, आपका जीवन बदल जाएगा, सब कुछ मुमकिन हो जाएगा।

 

निष्कर्ष (Conclusion of Depression Se Bahar Kaise Nikale)-

संक्षेप में कहूँ तो, जीवन में सफलता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए, हमें खुद को स्वीकार करना होगा, अपने सपनों की पुष्टि करना होगा, और हर कठिनाई का सामना करना होगा। संघर्षों से हारने के बजाय, हमें उन्हें पार करना होगा। इस सफर में, हमें खुद को समर्पित और प्रेरित बनाए रखना होगा।

यह संक्षेप में आप, अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाने चाहिए। इसे आप इस प्रकार कर सकते है –

  • सुबह बाग में जाकर एक-डेढ़ घंटा बिताओ।
  • पार्क में वॉकिंग या एक्सरसाइज करो।
  • मेडिटेशन और प्राणायाम करो।
  • नई बातें सीखो, किताबें पढ़ो।
  • अपने कौशल को बढ़ाओ।
  • अपने मन को पॉजिटिव रखो।
  • सोने से पहले टहलो।
  • स्वच्छता बनाए रखो।
  • नए कोर्स और ज्ञान प्राप्त करो।
  • ध्यान और समर्थन के लिए भगवान का स्मरण करो।

सुबह उठते ही, अपने दिन की शुरुआत बगीचे में एक छोटे से स्पैन में करें। वहाँ जाकर आप वॉकिंग कर सकते हैं, एक्सरसाइज कर सकते हैं, योग और प्राणायाम कर सकते हैं।

इसके बाद, अपना मन शांत और मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार करने के लिए मेडिटेशन करें।

अगले कदम में, स्वच्छता को बनाए रखें

अपने कौशल को निखारने के लिए, नए कौशल सीखें और अपने मन को प्रेरित करने के लिए प्रेरणादायक किताबें पढ़ें।

और अपनी जिज्ञासा को पूरा करने के लिए नए कोर्सों में प्रवेश करें।

आत्म-स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए, खुद को पॉजिटिव मंत्रों और सोने से पहले धीरे-धीरे टहलाने के लिए समर्थ बनाएं।

आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए ईश्वर की प्रार्थना करें और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कार्य करते रहें।

सारांश रूप में, जीवन में सफलता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए, हमें सक्रिय और नियमित रूप से काम करने, अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने, निरंतर स्वयं को मोटिवेट करने, नए ज्ञान और कौशल का अध्ययन करने, और नकारात्मकता को दूर करने की आवश्यकता होती है। इस तरह से, हम स्वयं को निरंतर समृद्धि और सफलता की ओर अग्रसर कर सकते हैं। धैर्य और निरंतर प्रयास के माध्यम से हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को समृद्ध बना सकते हैं।

मेरे कहने से आप ये स्टेप्स उठा के देखिये।  भले ही ये आपको बहुत मुश्किल काम लगे। लेकिन अगर आप ये कर लो तो, मैं यह दावे के साथ कहता हूँ कि आपका जीवन बदल जाएगा और सब कुछ मुमकिन हो जाएगा।

थैंक्स

आपका अपना मित्र,
लाइफ एवं बिज़नेस कोच / गुरु

 

अंत में हम बस यही कहना चाहेंगे कि अगर आपकी भी कोई ऐसी समस्या है जिसका कि आप हल नहीं निकाल पा रहे हैं या किसी ऐसी समस्या से घिर गए हैं और काफी कोशिसो के बावजुद भी आपको कोई समाधान नहीं दिख रहा है तो

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इसे भी देखें ==> अपने अंदर हिम्मत कैसे लायें ?

 

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1 Response

  1. Purrvee says:

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