तनाव / डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ? | Depression Se Bahar Kaise Nikle?

मेरे पास किसी मेरे एक फोल्लोवर (follower) का मैसेज/ प्रश्न आया कि –

मेरी उम्र 45 से ऊपर है। 20 साल कॉर्पोरेट में काम किया। किसी बहुत बड़े धोखे की वजह से अचानक मैंने सब कुछ खो दिया—जो जोड़ा था, नौकरी और इज्जत। आज न नौकरी है और न ही कुछ बचा है। दो बच्चे हैं। जीवन की बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा, उम्र भी साथ नहीं दे रही। इस उम्र में क्या कर पाऊंगा?

कैसे जिम्मेदारी उठाऊंगा? मेरा पूरा परिवार मेरी वजह से दुखी है। मेरा मन मुझे बार-बार कहता है कि मैं कुछ भी नहीं कर सकता। हाथ में पैसा भी नहीं है। एक छोटा सा बिजनेस शुरू किया था, वह भी तीन-चार महीने में फेल हो गया। मैं जीवन में खो चुका हूं। कैसे शुरुआत करूं, क्या करूं?

तो मैंने उसे कहा/ समझाया कि सबसे पहली बात, आपको अपनी उम्र को लेकर दबाव महसूस करने की जरूरत नहीं है। इस क्षण में आपके अंदर बुद्धि है, समझ है, बहुत सा अनुभव है। शरीर चल रहा है, हाथ-पैर काम कर रहे हैं। तो आपको अपनी उम्र कैलकुलेट करने की जरूरत ही नहीं है। 25, 30, 40 या 50—कैलकुलेट ही क्यों कर रहे हो?

तनाव / डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ? Depression Se Bahar Kaise Nikle?

किसने बोला है आपको अपनी उम्र कैलकुलेट करने के लिए?

आप उम्र-रिस्ट्रिक्टेड एग्जाम तो नहीं देने जा रहे। बस यह देखो कि मैं कर सकता हूं। इस समय मेरे हाथ-पैर सलामत हैं, बुद्धि सलामत है, शरीर चल रहा है। मैं सब कुछ कर सकता हूं, जो एक 20 साल का इंसान कर सकता है। थोड़ा धीरे कर लो तो भी सब कुछ कर सकते हो। बार-बार उम्र के बारे में सोचना बंद कर दो। कि इस उम्र में कोई कुछ नहीं कर सकता, मैं कुछ नहीं कर सकता—यह सिर्फ एक मानसिक बाधा है।

इसके साथ-साथ, तनाव / डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ? | Depression Se Bahar Kaise Nikle? में आपको अपने अहम को भी कोने में रखना होगा। हम सबमें अहम होता है कि मेरा एक स्टेटस था, एक पोजीशन थी, एक लेवल पर मैं काम करता था। मैं उससे नीचे कैसे जा सकता हूं? मेरे अंदर भी था। एक समय पर फैक्ट्री में 100 से ज्यादा लोग काम कर रहे थे। उसके बाद बिजनेस ठप्प/ बर्बाद हो गया। अपने छोटे से काम के लिए मजदूरी भी खुद ही करनी पड़ी। बहुत सी प्रॉब्लम हो गई थी। बहुत ही डिप्रेशन में चला गया था । धीरे-धीरे अपने आप को संभाला। तनाव से बाहर आने के बहुत से एक्सपर्ट लोगो से सलाह ली उनके कोर्स भी किये, बहुत सी किताबे पढ़ी। जो बन पाया वो सब किया। तो इस प्रकार डिप्रेशन से छुटकारा पाने के बहुत से उपाय किये। फिर कहीं जाकर, बहुत संघर्ष करने के बाद धीरे धीरे मैं अपनी नार्मल जिंदगी में वापस आया।

पर आज मुझे गर्व होता है कि मैं खुद को संभाल पाया। छोटा काम भी किया। कोई काम छोटा नहीं होता। हर कर्म बड़ा होता है। कर्म की नदी में आपकी बड़ी बूंद और छोटी बूंद, सब एक समान है।

अगर आपकी भी कोई ऐसी समस्या है जिसका कि आप हल नहीं निकाल पा रहे हैं या किसी ऐसी समस्या से घिर गए हैं और काफी कोशिसो के बावजुद भी आपको कोई समाधान नहीं दिख रहा है तो मेरे अनुभव का लाभ उठाइये। मैं आपको आपकी समस्या से बाहर निकलने में पूरे दिल से मदद करने की कोशिश करूँगा।

तो अपनी किसी भी समस्या के समाधान के लिए आप हमारे इस फ्री वेबिनार (Free Webinar- Free Online Consultation) जो कि बिलकुल फ्री है, आप यहाँ क्लिक/ रजिस्टर (Register) कर सकते है जिसमे आपको ऑनलाइन घर बैठे आपकी समस्या का समाधान बताया जायेगा।

तो सबसे पहले यह सोचना बंद कर दो कि उस लेवल से मैं नीचे कैसे जा सकता हूं। छोटा काम कैसे कर सकता हूं। नौकरी कैसे कर सकता हूं। शुरू से शुरुआत कैसे कर सकता हूं। आप कर सकते हो। आज से ही आपका नया जीवन है। पुराना जीवन मृत्यु हो चुका है।

आप कुछ भी कर सकते हो। टारगेट सिर्फ आगे बढ़ने का होना चाहिए। पीछे देखने का नहीं।

तो जैसे मर्जी करो, किसी भी तरह से करो, बस आगे बढ़ो। लेकिन धयान रहे तरीका गलत नहीं होना चाहिए वर्ण आप और ज्यादा नीचे धँस जाओगे और ज्यादा पीछे चले जाओगे।

काम तो चाहिए ही। पर शुरुआत तो छोटे से ही करनी होगी। आपको भी एक कोने में इन दोनों चीजों को रखकर खुद को मुक्त महसूस करना होगा। दबाव कम होगा।

अब तीसरी बात पर आते हैं-

आप अपने घर वालों की दुखों की जिम्मेदारी लेते हैं। कहते हैं कि मेरी वजह से वे दुखी हैं। मेरी वजह से वे बर्बाद हो गए। मेरी वजह से उनका खर्च नहीं चल रहा। मेरी वजह से उन्हें यह सब सहना पड़ रहा है। यह बिल्कुल गलत है। अगर आपने सारा पैसा उड़ा दिया होता, आग लगा दी होती, तो ठीक था। पर आप तो सिर्फ निमित्त हो। आपने जानबूझकर कुछ नहीं किया। वक्त ऐसा आया कि आपकी कहानी में यह मोड़ आना था। उनकी कहानी में यह मोड़ आना था। इसलिए आया।

तो आप सिर्फ निमित्त हो। ऊपरवाले का निर्माता तो आप भगवान मत बनो। अगर आप नहीं होते, तो कोई और वजह पैदा हो जाती। आपके घर वालों के दुखों के लिए कोई बीमारी पैदा हो जाती। आप अपने हिस्से के दुखों को समझो। और कई बार दुख इसलिए आते हैं ताकि हम मजबूत बन सकें, सीख सकें, समझ सकें। जीवन को कर्मठ बनने की आदत पड़ सके। तो इससे उनका भी फायदा हो रहा है। इस गिल्ट में रहना बंद करो। इस अपराधबोध (Guilt) का, अपने आप को दोषी मानने का कोई फायदा नहीं है कि मेरी वजह से वे दुखी हैं।

अब ये तीन चीजें हटाकर आप बिल्कुल फ्री हो चुके हो। अब आपको सिर्फ यह देखना है कि मेरे पास क्या-क्या ऑप्शन हैं। घर के खर्च कैसे चलेंगे, परिवार कैसे चलेगा। इज्जत कैसे बनी रहेगी। लोग क्या कह रहे होंगे। लोग हंस रहे होंगे। ये सब डिस्ट्रेक्शंस हैं। यह सिर्फ मन की सोच है। ये आपके जीवन पर, आपके लक्ष्य पर कोई फर्क नहीं डालते। जब तक आप खुद न चाहें।

किसी डिस्ट्रेक्शन में आपको इस कठिन समय में नहीं फंसना है। सिर्फ ऑप्शन देखिए कि क्या-क्या सामने खड़े हैं। मैं क्या-क्या कर सकता हूं। आपके पास 20 साल का अनुभव है। 20 साल एक फील्ड को देना मतलब बहुत कुछ सीख जाना। लोगों के बारे में, उस फील्ड के बारे में, कमाई के बारे में, गलतियों के बारे में।

तनाव / डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ? | Depression Se Bahar Kaise Nikle? में अब अपनी ऊर्जा को मन में रखकर और अपने स्किल सेट को ध्यान में रखकर सोचिए-

मैं क्या-क्या कर सकता हूं? क्या मैं लोगों को इस फील्ड के रिलेटेड कंसल्टेंसी दे सकता हूं?

क्या मैं बच्चों को पढ़ा सकता हूं?

बिजनेस, जॉब, फाइनेंस—जो भी आपकी फील्ड है।

क्या मैं इसी फील्ड में एक छोटी सी नौकरी कर सकता हूं? इतनी बड़ी न हो, पोजीशन छोटी हो। पर मेरा जो अनुभव है, मेरी सीखें हैं, मुझे बहुत जल्दी आगे ले जाएंगी।

आज थोड़ी सी चोट लगेगी जब मेरे से बहुत जूनियर लोग मेरे बराबर होंगे। लेकिन धीरे-धीरे मैं बहुत आगे बढ़ जाऊंगा। और धीरे-धीरे क्यों, मेरी स्पीड बहुत तेज होगी। क्योंकि मुझे स्पीड का एक्सपीरियंस है।

और अगर फील्ड में जॉब नहीं है तो किसी और फील्ड को पकड़ लूंगा। बहुत ज्यादा टेक्निकल स्किल्स की जरूरत नहीं होती।

अगर एक बिजनेस फेल हुआ है, तो यह सोचिए कि मैंने उस बिजनेस से क्या सीखा। 10 और बिजनेस देखिए, समझिए, प्रयास कीजिए। उनमें से कोई एक ऐसा हो जो कम पैसे में शुरू हो सके। शुरू में प्रॉफिट मत देखिए। मेहनत और लगन से काम करिए। धीरे-धीरे परिणाम जरूर मिलेंगे।

यह दुनिया नाशवान है। इसमें हर चीज बदलती रहती है। ठोकर भी लगी है, वह भी असली नहीं है। लोगों की हंसी भी असली नहीं है। बस हर रोज मेहनत कीजिए। लिखकर देता हूं, साल या डेढ़ साल में आप सफल हो जाएंगे।

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तनाव / डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ? | Depression Se Bahar Kaise Nikle? में जीवन को नई दिशा देने के उपाय-

1. अपनी उम्र का दबाव महसूस करना बंद करें
सबसे पहली बात, उम्र के बारे में बार-बार सोचना बंद कर दें। इस समय आपके पास बुद्धि है, अनुभव है, और शरीर भी स्वस्थ है। उम्र सिर्फ एक नंबर है और इसे मानसिक बैरियर बनने मत दीजिए।
कौन कहता है कि 45, 50, या 60 साल में कुछ नहीं हो सकता? आपकी सलामत बुद्धि और चलने वाले हाथ-पैर आपको वही करने की ताकत देते हैं, जो एक 20 साल का इंसान कर सकता है। बस इसे धीरे और होशियारी से करें।

2. छोटे काम को छोटा न समझें
यह सोचना बंद कर दें कि एक ऊंचे लेवल पर काम करने के बाद आप छोटे काम नहीं कर सकते। हर काम का महत्व होता है। कर्म ही असली पहचान है। कोई भी काम छोटा नहीं होता। आज से अपनी जिंदगी को नए सिरे से देखें—जैसे आपका पुराना जीवन समाप्त हो चुका है और आज से नया जीवन शुरू हो रहा है।

3. गिल्ट (Guilt) से बाहर निकलें
अपने परिवार की परेशानियों को खुद पर दोष के रूप में मत लें। आप केवल एक निमित्त हैं; समय और परिस्थितियों के कारण यह बदलाव आया है। इसे जीवन के सबक और मजबूती का जरिया बनाएं। गिल्ट को छोड़ दें और अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं।

 

तनाव / डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ? | Depression Se Bahar Kaise Nikle? में आगे क्या करें?

अब आपके पास 20 साल का अनुभव है जो आपकी सबसे बड़ी ताकत है। आप निम्नलिखित विकल्पों पर विचार कर सकते हैं:

– अपनी फील्ड में कंसल्टेंसी शुरू करें।
– बच्चों को पढ़ाएं, चाहे बिजनेस, फाइनेंस, या अपनी जॉब से जुड़े विषय हों।
– छोटी नौकरी से शुरुआत करें, भले ही पोजीशन बड़ी न हो। आपका अनुभव और मेहनत आपको जल्द ही आगे बढ़ाएंगे।
– अगर बिजनेस फेल हुआ है तो छोटा बिजनेस फिर से शुरू करें। हर शुरुआत में धैर्य रखें—कस्टमर बेस बनाएंगे तो कमाई अपने आप हो जाएगी।

मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिकता अपनाएं

प्राणायाम करें-
हर सुबह प्रकृति के साथ समय बिताएं और अपनी मानसिक स्थिति को स्थिर करें।

योग और व्यायाम करें-
यह आपको तनावमुक्त रखेगा और ऊर्जा देगा।

आध्यात्मिक किताबें पढ़ें-
जीवन की सच्चाई और अपने अंदर झांकने का मौका मिलेगा।

तनाव / डिप्रेशन से बाहर कैसे निकले ? | Depression Se Bahar Kaise Nikle? का निष्कर्ष

यह कठिन समय आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इसे अपनी कहानी का सबसे खास और मजबूत हिस्सा मानें। मेहनत करते रहिए, विश्वास बनाए रखिए और याद रखिए कि साल भर में आप फिर से सफल हो सकते हैं। यह जीवन की नई शुरुआत है और आपका टारगेट सिर्फ आगे बढ़ना होना चाहिए।

 

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आपका सच्चा दोस्त एवं साथी।
Dr. Harry Bhagria
Author, Life, Career & Business Coach

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2 Responses

  1. Bablu says:

    depreson se bahar nikalne ke liye bahut achha upay bataye hai.

  2. Asswani says:

    Awesome, well written.

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